सूक्ष्मजीव संग्रह

एमएसीएस सूक्ष्मजीव संग्रह (एमसीएम) पुणे स्थित आघारकर अनुसंधान संस्थान में स्थित एक सुव्यवस्थित प्रयोगशाला है, जिसमें संवर्धन संरक्षण, भंडारण एवं क्रियाशीलता परीक्षण हेतु आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसका उद्घाटन सन् 1981 में प्रोफेसर वी.बी.डी. स्कर्मन, क्वीन्सलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया द्वारा किया गया था, जो उस समय विश्व संवर्धन संग्रह महासंघ (डब्ल्यूएफसीसी) के अध्यक्ष थे। इस सूक्ष्मजीव संग्रह को सन् 1983-84 में डब्ल्यूएफसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हुई।

 यह संग्रह विशेष रूप से जैव-खनन प्रक्रियाओं, धातु और सूक्ष्मजीव की पारस्परिक क्रियाओं तथा औद्योगिक अपशिष्ट उपचार में प्रयुक्त सूक्ष्मजीवों का एक विशिष्ट संग्रह है। इसमें मीथेनजनक एवं अन्य अवायवीय (अनैरॉबिक) जीवाणु तथा क्षारप्रेमी व उष्णप्रेमी जीवाणु प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। साथ ही, सूक्ष्मजीव विज्ञान प्रयोगशालाओं द्वारा सामान्य रूप से उपयोग में लाई जाने वाली मानक संवर्धन भी यहाँ संरक्षित हैं।

 संवर्धन संग्रह की मुख्य क्रियाएँ इस प्रकार हैं :

  1. विशेषीकृत सूक्ष्मजीव प्रजातियों कीरिपॉजिटरी एवं उनके पहचान की सेवा तथा कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
  2. विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों एवं उद्योगों को अनुरोध पर सूक्ष्मजीव संवर्धन उपलब्ध कराना।
  3. पश्चिमी भारत की पारिस्थितिक प्रणालियों से पृथक किए गए सूक्ष्मजीव प्रजातियों की सूची तैयार करना एवं जैव-संसाधनों हेतु एक नोडल केन्द्र के रूप में कार्य करना।

अधिक जानकारी हेतु हमारी वेबसाइट पर जाएँ :

https://mcm.aripune.org/