आघारकर हर्बेरियम

विवरण

यह  एक सुस्थापित तथ्य  है कि औषधीय पौधे महत्त्वपूर्ण कच्ची औषधियों (क्रूड ड्रग्स) की आपूर्ति में  अहम भूमिका निभाते हैं। पौधों पर आधारित औषधियाँ आधुनिक चिकित्सा, वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों, और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में उपयोग की जाती हैं। भारत में लगभग 80% जनसंख्या स्वास्थ्य देखभाल हेतु जड़ी-बूटी से उपचारों एवं भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर निर्भर है। इन औषधियों का अधिकांश भाग  असंगठित संग्राहकों द्वारा वनों से एकत्र किया जाता है। कच्ची औषधियों के स्रोत के रूप में बहुत कम औषधीय पौधों की खेती की जाती है। इस स्थिति में, धन के लोभ में कच्ची औषधियों में मिलावट या प्रतिस्थापन की संभावना अधिक होती है। अधिकांश औषधि निर्माता पारंपरिक संग्राहकों पर निर्भर रहते हैं और कच्चे माल की पहचान उनके अनुभवी कर्मियों द्वारा की जाती है।

 किसी कच्ची औषधि की प्रभावकारिता  सीधे उस पौधे की असलियत पर निर्भर करती है जिससे वह प्राप्त की गई है। तथापि, असली सामग्री की उपलब्धता निम्नलिखित कारणों से संदिग्ध हो जाती है:

  1. आज भी अधिकांश कच्ची औषधियाँ, अर्थात् औषधीय पौधे, वनों से ही एकत्र किए जाते हैं।
  2. मानवजनित दबावों एवं विकास परियोजनाओं के कारण ये संसाधन तीव्र गति से समाप्त हो रहे हैं।
  3. बहुत कम औषधीय पौधों की कृषि पद्धतियाँ ज्ञात हैं।
  4. पंजीकृत औषधालयों की संख्या, उनकी बढ़ती माँग, और औषधीय पौधों के प्राकृतिक आवासों की उपलब्धता में विपरीत अनुपात है।

 ऐसी स्थिति में, असली नमूनों के पासपोर्ट डेटा सहित कच्ची औषधियों का यह संग्रह (रिपॉजिटरी), अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 महाराष्ट्र विज्ञान वर्धिनी (एमएसीएस) के आघारकर हर्बेरियम (एएचएमए) को 1984 में न्यूयॉर्क वानस्पतिक उद्यान (न्यूयॉर्क बोटैनिकल गार्डन) द्वारा,  संक्षेप नाम, एएचएमए (महाराष्ट्र विज्ञान वर्धिनी का आघारकर हर्बेरियम) के साथ अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई। इसकी एक विशेषता यह है कि इस रिपॉजिटरी में 950 कच्चे औषधियों के नमूने संग्रहीत हैं।

 ये नमूने संपूर्ण पादप अथवा पादप-अवयव जैसे  मूल (जड़), पत्तियाँ, तना/मूल की छाल, पुष्प, फल, बीज, तथा असंगठित स्राव (जैसे गोंद या रेज़िन) के रूप में हैं। ये नमूने असली क्षेत्रीय नमूने अथवा बाज़ारी नमूने हैं। कच्चे औषधियों के रिपॉजिटरी  में नमूनों को मानक विधियों द्वारा संरक्षित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक नमूने की सम्पूर्ण जानकारी पासपोर्ट डेटा के रूप में एक समान प्रारूप में संकलित की गई है। नमूनों को वनस्पति-आधारित औषधियाँ, प्राणी-आधारित औषधियाँ एवं खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वनस्पति-आधारित औषधियाँ उपयोग किए जाने वाले पादप-अवयव के अनुसार वर्गीकृत हैं, जैसे – संपूर्ण पादप, मूल, पत्ती, तना/छाल, पुष्पमंजरी/पुष्प, फल, बीज, तथा असंगठित औषधियाँ।

 यह रिपॉजिटरी औषधीय पादप अनुसंधान से संबंधित सभी परियोजनाओं की मूल संरचना के रूप में कार्य करता है। एआरआई  में हम छात्रों, शोधकर्ताओं, एवं निर्माताओं को कच्ची औषधियों की प्रमाणीकरण सेवा (Authentication Service) प्रदान कर रहे हैं।