परामर्श सेवाएँ

आघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) के वैज्ञानिक अपनी मूल विषय विशेषज्ञता एवं गहन ज्ञान के आधार पर व्यावसायिक सेवाएँ प्रदान करने हेतु तत्पर हैं। अनेक वैज्ञानिक बहु-विषयी अनुसंधान परियोजनाओं का अभिन्न अंग रहे हैं तथा परियोजनाएँ सहयोगात्मक ढंग से विकसित की जा सकती हैं। संस्थान में जीसी-एमएस, एलसी-एमएस, एमएएलडीआई-टीओएफ, सेल सॉर्टर-एनालाइज़र, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी, कॉनफोकल सूक्ष्मदर्शी, सम्पूर्ण प्राणी प्रतिबिंबन उपकरण जैसे अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से विविध विश्लेषण शीघ्रता से सम्पन्न किए जा सकते हैं। इससे परियोजना की कुल अवधि में कमी, तकनीकी चुनौतियों का समाधान एवं लक्ष्यों की पूर्ति संभव होती है।

    एआरआई की तकनीकी परामर्श सेवाएँ निम्नलिखित क्षेत्रों में उपलब्ध हैं:

      • जैव-ऊर्जा उत्पादन प्रणालियों की रूपरेखा तथा अनुकूलन
      • धान के पुआल जैसे कृषि-कचरे का जैवमीथनीकरण
      • जैव-हाइड्रोजन उत्पादन
      • सूक्ष्मजीव-सम्वर्धित तेल निष्कर्षण (एमईओआर)
      • धातु युक्त अपशिष्टजल का सूक्ष्मजीवीय उपचार
      • सूक्ष्मजीव उत्पाद एवं प्रक्रियाएँ
      • कचरे से मूल्यवर्धित उत्पादों में रूपांतरण (वेलोराइजेशन)
      • कोशिका संवर्धन एवं मूल कोशिका प्रौद्योगिकी पर मार्गदर्शन
      • सूक्ष्मजीवों (विषाणु सहित) की आणविक जीवविज्ञान
      • क्षेत्रीय सर्वेक्षण, हर्बेरिया निर्माण, बारकोडिंग एवं पहचान पर मार्गदर्शन
      • कृषि, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण अनुप्रयोग हेतु नैनो-जैव उत्पाद
      • कृषि हेतु नैनो प्रौद्योगिकी आधारित रोग निदान, जिसमें खाद्य, जल एवं मत्स्य पालन सम्मिलित हैं
      • नैनोफार्मास्यूटिकल्स, उतक अभियांत्रिकी हेतु स्कैफोल्ड एवं ऑर्गन-ऑन-ए-चिप
      • प्राकृतिक उत्पाद (रंजक, कवकों एवं अन्य सूक्ष्मजीवों से प्राप्त मेटाबोलाइट्स)
      • भौतिक-रासायनिक मानकों एवं डायटम सहित अन्य शैवाल प्रजातियों के आधार पर प्राकृतिक जलतंत्र की स्वास्थ्य निगरानी
      • औषधीय पादपों की पहचान एवं पादप रासायनिक विश्लेषण
      • ज़ीब्रा मछली एवं अन्य लघु प्राणियों (चूहा, मूषक) का प्रयोग कर विषविज्ञान परीक्षण
      • विकासात्मक विषविज्ञान
      • परिष्कृत उपकरणों के संचालन हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
      • कृषि उत्पादन, पौध प्रजनन, गेंहूँ, सोयाबीन एवं अंगूर के लिए उन्नत कृषि पद्धतियाँ

      पूर्व वर्षों में पूर्ण की गई परामर्श परियोजनाएँ:

      • निम्न स्तर तांबे अयस्क से तांबे का निष्कर्षण
      • पेय उत्पादन, मद्यनिर्माणशाला, दुग्धशाला, आसवनी, मछली प्रसंस्करण, फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण, लुगदी एवं काग़ज़, चीनी, मांस एवं वधशाला, खाद्य अपशिष्ट में संलग्न उद्योगों को अवायवीय उपचार तकनीकों का हस्तांतरण
        (रैप्टाकोस ब्रेट एंड कंपनी, ठाणे; टेल्को, पुणे; आईटीसी, चेन्नई; वाम ऑर्गेनिक्स, नई दिल्ली; शिर्के पेपर मिल्स, पुणे; सिद्धार्थ केमिकल्स, गोवा; ऑरमैन केमिकल्स, ठाणे; एसएएफ यीस्ट कंपनी, मुंबई)
      • मानवीय मल अपशिष्ट हेतु दुर्गन्धनाशक रूप में सूक्ष्मजीव संघ
      • जैवसंक्षरण नियंत्रण हेतु जैव-नाशी (ओएनजीसी, भारत सरकार)
      • हाइड्रोजन सल्फाइड हेतु जैव-स्क्रबर
      • ठोस बायोमास से बायोगैस
      • ट्राइफेनिल मेथेन रंजक, फिनोल, कीटनाशक एवं कार्बनिक रसायन युक्त अपशिष्टजल की जैवसंधारण (डब्ल्यूआईपीएल, एनओसीआईएल)
      • ड्रैगन 3 नैनो प्रौद्योगिकियाँ
      • क्रोमेट युक्त अपशिष्टजल की जैवसंधारण (डब्ल्यूआईपीएल)
      • कचरे से जैवशोषक (बायोसॉर्बेंट) का विकास (एचए लिमिटेड, पुणे)
      • चमड़ा प्रसंस्करण हेतु एंज़ाइम फ़ॉर्मूलेशन का विकास, खारे वातावरण के जीवाणुओं से एंज़ाइम व मेटाबोलाइट्स
      • विरल पृथ्वी रंगकों की संश्लेषण हेतु सूक्ष्मजीव प्रक्रिया
      • अवायुजीवीयों द्वारा विटामिन बी12, एसीटोन, ब्यूटेनॉल उत्पादन; धातु समृद्ध यीस्ट (सैन्ज़ाइम, हैदराबाद)
      • चाँदी एवं जिंक ऑक्साइड नैनोकणों के औषधीय अनुप्रयोग हेतु संश्लेषण एवं स्केल-अप (खांडेलवाल ग्रुप, मुंबई; पितांबरी इंडस्ट्रीज़, मुंबई)
      • धान पुआल से जैवहाइड्रोजन उत्पादन की प्रक्रिया (केपीआईटी, पुणे)
      • गुजरात के उच्च तापमान तेल कुओं से तेल निष्कर्षण हेतु एमईओआर प्रक्रिया (ओएनजीसी, भारत सरकार)
      • धान पुआल से बायोमीथेन उत्पादन प्रक्रिया (जीपीएस टेक्नोलॉजीज़)
      • कच्चे औषधियों का प्रमाणीकरण
      • जड़ी-बूटी (हर्बल) औषधियों कीरिपॉज़िटरी/li>

      किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा परामर्श हेतु संपर्क करें:
      डॉ. पी. के. ढाकेफलकर, निदेशक, आघारकर अनुसंधान संस्थान, पुणे
      director@aripune.org; pkdhakephalkar@aripune.org