हमारापरिचय

आघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है। इसकी स्थापना वर्ष 1946 में महाराष्ट्र एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस (एमएसीएस) के रूप में की गई थी तथा इसे सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1850 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया था। बाद में, जैसे-जैसे अनुसंधान गतिविधियाँ विस्तृत होती गईं, एमएसीएस अनुसंधान संस्थान को एक पृथक पहचान प्रदान की गई। संस्थान का नाम 1992 में बसमूहकर आघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) रखा गया, ताकि इसके संस्थापक निदेशक, स्वर्गीय प्रोफेसर शंकर पुरुषोत्तम आघारकर को सम्मान दिया जा सके।

एआरआई की वर्तमान अनुसंधान और विकास गतिविधियाँ जीव विज्ञान के सभी प्रमुख क्षेत्रों में विस्तृत हैं, जो छह प्रमुख विषयों—जैव विविधता और पुराजीव विज्ञान, जैव ऊर्जा, जैव अन्वेषण, विकासात्मक जीवविज्ञान, आनुवंशिकी और पादप प्रजनन, तथा नैनो जीव विज्ञान—में संकलित हैं।