राष्ट्रीय कवक संवर्धनजीवाणु संग्रहराष्ट्रीय सुविधा

हाल ही में विभाग में उपलब्ध कवकीय विशेषज्ञता की मान्यता के रूप में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा सन् 2008 में ‘राष्ट्रीय कवक संवर्धन जीवाणु संग्रह’ की स्थापना की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य देशी कवकों के जर्मप्लाज़्म को अपनी रिपॉजिटरी‘राष्ट्रीय कवक संवर्धन जीवाणु संग्रह’ भारत (एनएफ़सीसीआई) में संरक्षित करना है, ताकि भविष्य में मौलिक एवं अनुप्रयुक्त अनुसंधान में इसका उपयोग हो सके। यह सुविधा विशिष्ट जर्मप्लाज़्म रिपॉजिटरी के रूप में स्थापित की गई है तथा विश्व संवर्धन संग्रह महासंघ (डब्ल्यूएफ़सीसी) से संबद्ध है, एवं विश्व सूक्ष्मजीव डाटा केन्द्र (डबल्यूडीसीएम 932) में पंजीकृत है।

 एनएफ़सीसीआई एक सेवा संग्रहण के रूप में कार्य करता है और इसके मूल कार्यों में कवकीय जीवाणु का अधिग्रहण, प्रमाणीकरण, संरक्षण एवं अनुरक्षण, जमा एवं प्रवेश, प्रमाणित कवकीय प्रजातियों का वितरण, संबंधित जानकारी एवं वर्गीकरण शामिल हैं। यह सुविधा पूर्णतः सुसज्जित है एवं शैक्षणिक संस्थानों व उद्योगों को कवक की पहचान, जमा एवं प्रवेश तथा प्रमाणित प्रजातियों की आपूर्ति जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है।

 पर्याप्त कवकीय विशेषज्ञता के साथ, ‘राष्ट्रीय कवक संवर्धन जीवाणु संग्रह’ भारत (एनएफ़सीसीआई) शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों एवं उद्योगों को कवक की रूपात्मक एवं आणविक पहचान, टीवीसी/सीएफ़यू विश्लेषण, कवकीय संवर्धन जीवाणु का जमा एवं प्रवेश, तथा प्रमाणित प्रजातियों की आपूर्ति जैसी सेवाएं प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा आजरेकर मायकोलॉजिकल हर्बेरियम (एएमएच) में कवकीय नमूनों का प्रमाणीकरण, जमा एवं प्रवेश भी स्वीकार किया जाता है। ये सेवाएं भारत के 28 से अधिक राज्यों में फैले विभिन्न शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों एवं निजी उद्योगों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

प्रपत्र सूची:

• कवकीय संवर्धन जीवाणु का जमा एवं प्रवेश – (एनएफ़सीसीआई)  Form 1 एवं Form 2

• कवक – (शुद्ध संवर्धन जीवाणु) का प्रमाणीकरण  Form 3
• प्रमाणित कवकीय संवर्धन जीवाणु की आपूर्ति – (सक्रिय संवर्धन जीवाणु)  Form 4
• कवकीय नमूनों का जमा एवं प्रवेश (आजरेकर मायकोलॉजिकल हर्बेरियम – (एएमएच) Form 5

अधिक जानकारी हेतु कृपया यहाँ क्लिक करें:

एनएफ़सीसीआई  [http://nfcci.aripune.org/]

एनएफ़सीसीआई, विशेष रूप से कवक की जैव विविधता, वर्गिकी, संरक्षण एवं जैव-संसाधन मूल्यांकन के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण हेतु व्यक्तियों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।